संकल्प ! संकल्प !
जीवन पानी पर लहरों-सा इस कोने से शुरू होकर जो उस कोने पर समाप्त हो जाता। जीवन पानी पर लहरों-सा इस कोने से शुरू होकर जो उस कोने पर समाप्त हो जाता।
मंज़िल को हासिल करना है मुसीबतों के काँटो पर चलना सीखो ! मंज़िल को हासिल करना है मुसीबतों के काँटो पर चलना सीखो !
सुनसान अविचल धूप में नहाता हुआ, अकेला चिल्ला-चिल्लाकर पथिक तुझे पुकार रहा। सुनसान अविचल धूप में नहाता हुआ, अकेला चिल्ला-चिल्लाकर पथिक तुझे पुकार रहा।
ए मनुष्य खड़ा हो अब तुझे संभलना है, अपने ही चुने हुए पथ पर अब तुझे चलना है ! ए मनुष्य खड़ा हो अब तुझे संभलना है, अपने ही चुने हुए पथ पर अब तुझे चलना है !
माटी सी देह भी माटी में मिल जानी है | साथ कुछ नहीं जाना, राख रह जानी है || माटी सी देह भी माटी में मिल जानी है | साथ कुछ नहीं जाना, राख रह जानी है ||